5000 से अधिक लोगों के भंडारे पर नहीं लगता है जीएसटी
नई दिल्ली : केंद्र सरकार का कहना है गुरुद्वारों या मंदिर-मस्जिदों में बंटने वाले लंगर या भंडारे के निर्माण में इस्तेमाल होने वाली सामग्री पर जीएसटी रिफंड किया जाता है। यह रिफंड 1 अगस्त 2018 से लागू सेवाभोज योजना के तहत किया जाता है।
यह जानकारी पर्यटन एवं संस्कृति राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रहलाद सिंह पटेल ने लोकसभा में दी है।
सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी अमृतसर को 59 लाख का रिफंड जारी
केंद्रीय मंत्री ने एक सवाल के जवाब में बताया कि सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) अमृतसर को जीएसटी रिफंड के रूप में केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) की ओर से 59,66,078 रुपए दिए जा चुके हैं।
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि सेवाभोज योजना का उद्देश्य लंगर या भंडारे के रूप में मुफ्त भोजन उपलब्ध कराने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना है। गुरुद्वारा, मंदिर, धार्मिक आश्रम, मस्जिद, दरगाह, चर्च, मठ, मॉनेस्ट्री जीएसटी रिफंड के लिए दावा कर सकती हैं।
इन वस्तुओं पर मिलता है जीएसटी रिफंड
केंद्रीय मंत्री ने बताया जीएसटी रिफंड के जरिए यह वित्तीय सहायता केवल उन्हीं धार्मिक संस्थानों को मिलती है जो पहले जीएसटी का भुगतान करते हैं। जिन वस्तुओं पर जीएसटी रिफंड मिलता है उनमें घी, खाद्य तेल, चीनी या बूरा, चावल, आटा या मैदा, दालें शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि जो धार्मिक संस्थान पिछले तीन साल से प्रत्येक कैलेंडर माह में कम से कम 5000 लोगों को लंगर या भंडारा कराते हैं उन्हें ही जीएसटी रिफंड का लाभ मिलता है।
सोर्स : भास्कर
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